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महामारी में हुई मेरी भगवान से बात
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https://krishnaguruji.blogspot.com/2021/05/blog-post_14.html कोरोना काल के लॉक डाउन में मेरी भगवान से बात चीत- सादर नमन में तो धन्य हो गया आज आपके दर्शन पा कर भगवान-अरे बेटा में तो तेरे साथ ही तो हु। भ से भूमि। ग से गगन वा से वायु अग्नि न से नीर जल सब कुछ तो तुझे दे कर भेजा हे कभी यात्रा में अपने ड्राइवर का चेहरा देखा है।अरे जब ट्रेन में जाता हे तो ड्राइवर का चेहरा देखता हे।फ्लाइट में पायलट का।वैसे ही तेरी जीवन यात्रा में तेरे पास हु में तो हर पल तेरी श्वास के साथ हु।जैसे तेरी कार ड्राइवर चलाता है वैसे ही मेरी तेरी श्वास चलाता हु।तेरी हर बात का पालन उसी प्रकार करता हु जिस प्रकार तेरी गाड़ी का ड्राइवर तेरी हर बात तेरी मर्जी के हिसाब से चलता है।में भी चलता हु।तू अच्छे काम करे तो भी साथ।बुरे करें तो तुझे याद दिलाता हु यह रास्ता गलत हे।पर फिर भी तू चलने का बोलता में चल देता हु।मेने तुझ पर कोई पाबंदी नहीं लगाई मेने पूछा- भगवान यह सुख दुख क्यों महामारी में तूने मेरे अपनो की जान ली इतना दुख जीवन संकट में ला दिया भगवान-बेटा इसका चिंतन तू ही कर ऐसा क्यों हुआ। मेने पूछा-मेरे परि...
मजहब, धर्म ,महा मारी
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आज सोचना पड़ेगा हमे की हम आज अपने मजहब के साथ अपने धर्म के साथ दूसरे धर्म का सम्मान कर सकते हे की नही।हर धर्म में कुछ ना कुछ अलग संदेश हे जो पूर्णता लाता है। में आज चिंतन में आ गया की लोग अपने साथियों में धर्म जात पात देखने लगे।विशेषकर बुद्धिजीवी भी जो सिर्फ एक अदना सा इंसान है इस महामारी में इलाज कराते वक्त कोई परहेज नहीं बच्चे किसी दूसरे धर्म के देशों में काम करे कोई परहेज नहीं।अगर किसी धर्म में एकता हे।किसी धर्म में सेवा के भाव हे,क्या हम उसकी बुराई करेगे या उस से सीखेंगे।अगर कोई अपने धर्म की राह पर आपके धर्म से अधिक तेज चल रहा हे आपको तकलीफ क्यू।अगर आप एक नही हो सकते तो जो एक रह रहे हे उस से परहेज क्यों।दोहरा जीवन दो मुखौटे।क्या हम दूसरे धर्म से नफरत इसलिए करने लगे की वोह धर्म हमसे नफरत करता है।हमने सीखा है अहिंसा परमोधर्म ।पर जब धर्म पर आए तो जान पर खेलो।पर किसी को बाध्य करना कहा तक उचित है
आप तनाव में कैसे जाने
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आप तनाव में हे कैसे जाने ।।। अगर आप मोबाइल हाथ में लिए पड़े हुए मेसेज दोबारा पढ़ने लगे तो आप निराशा के जोन में आराम की अधिकता भी एक प्रकार का तनाव देती है क्या आप चाहते हे येह मानसिक विषाद और न बड़े आइए साथ कुछ उपाय देखते हे 1अलमारी में आपके कपड़े एक दिन निकाल कर बैठे।कोन से नही पहनना उनको अलमारी से निकाले 2 अपने पुराने फोटो निकाल अपना अतीत देखे 3 एक वक्त डिसाइड करे जब सभी परिवार के सदस्य एक साथ बैठे। वरना जिंदगी मोबाइल में ही निकल जाएगी व्हाट्स ऐप फेसबुकअधिक उपयोग करे तो कॉरोना से ज्यादा खतरनाक है।।। 4-जिसका जो शौक है उसे मिल कर बढ़ावा दे।गीत डांस पहेली एक नियत समय पर 5-कठिन काम बोल रहा हु जब परिवार के साथ हो तो मोबाइल बंद करे 6 कही आपका कोई सदस्य वीडियो गेम तो नही खेल रहा ।वोह और कुछ नही अपने जीवन से खेल रहा हे रोके।सिर्फ खाने ब्रेकफास्ट आवाज न दे मुझे मालूम हे आप सब लोग कहेंगे यह तो हम सब कर रहे हे तो अपने बेटे बेटी से उनके दादा दादी पर दादा, पर दादी। नाना नानी पर नाना पर नानी के नाम पूछे हम सब जानते हे पर जी हम जानते हे वोह कितना करते है ईश्वर ने इस कोरोना काल में सबकी य...
महा मारी में मेरा भगवान
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महामारी में मेरा भगवान https://youtu.be/gb9JxDkBd6E सब लोग अपने अपने धर्म के मुताबिक अपने अपने आराध्य को मंत्र प्रार्थना नमाज अरदास के माध्यम से उसका ध्यान करते हे ।तीर्थ स्थान मंदिर देवालय जाते हे ।विषम समय में ज्यादा ध्यान करते हे क्यों की आखिरी सहारा भगवान अपनी आस्था भक्ति रूपी देव दर्शन पर टिक जाता है अगर हम यह मानते हे की एक पत्ता भी भगवान की मर्जी से नही हिलता तो महामारी भी उसकी मर्जी से आई होगी ।एवम जीवन रक्षा भी एक युद्ध सा हो गया महामारी में पैसा भी काम नहीं आ रहा काम आ रही ऑक्सीजन वेंटिलेटर। महामारी के भगवान में दो व्यक्तियों को मानता हु पहला जिसने ऑक्सीजन मास्क एवम ऑक्सीजन पैदा करने का यंत्र बनाया।दूसरा जिसने वेंटिलेटर का आविष्कार किया।आज इंसान ऑक्सीजन वेंटिलेटर रेमडीसियर इंजेक्शन जिस प्रकार ढूंढ रहा हे अगर उसका 1% भी प्रकृति को दिया होता तो आज यह स्थिति नही होती। आज से में प्रण लेता हु अगर में महामारी से बच गया तो आनेवाली पीढ़ी के लिए पूंजी छोड़ने की बजाय प्रकृति की पूंजी वृक्षारोपण जल बचाव प्रदूषण पर कार्य करुगा और आप
रामनवमी पर खुद में भी राम ढूंढे #ramnavmi2023#ramnavami
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राम नवमी का त्योहार बनेगा ",पुरुषार्थ दिवस। "मुझ में राम" "आज के युग में राम ढूंढे आज राम नवमी की बधाई के साथ राम भगवान एक पंच तत्व का शरीर ले कर धरती पर आए थे ।जिन्होने अपने रिश्तो के साथ न्याय किया वक्त आने पर।एक पुत्र के रूप में पिता की आज्ञा ।एक भाई के रूप में भाईयो को स्नेह एक पति के रूप पत्नी की रक्षा एवम एक राजा के रूप में प्रजा का कहा माना। आप में राम हे पर स्वार्थ में कही न कही पूर्णता नही आती।हम आप सब अधिकांश स्वार्थ अपने रिश्तों तक सीमित सोचअपने सेवा के दिखावे में जिंदगी निकाल रहे है आज जिस व्यक्ति ने कृतिम ऑक्सीजन की मशीन को इंवेंट किया वेंटिलेटर इंवेंट किया आज के युग के राम वो भी है जिनके कारण न जाने कितनी की जान बच रही हे अब वक्त आ गया है हम राम को उसके संदेश के साथ आज के कई लोग जो राम समान कार्य कर रहे है उनको भी कृतज्ञता का प्रणाम करे ।मेरे हिसाब से शहर का हर व्यक्ति आज राम बना हुआ है।राम के समय भी दैविक असुर थे।आज भी हे ।आप में कौन हे इसका चिंतन कर करे महामारी में किसी का दोषारोपण करने की बजाय आप क्या कर सकते हे छोटे से छोटे स्तर पर भी चिंतन कर...
महाशिवरात्रि देती है - संयुक्त परिवार का संदेश
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महाशिवरात्रि संदेश देती है"संयुक्त परिवार दिवस का(18/02/2023) हम वर्षो से महा शिव रात्रि का आध्यात्मिक उत्सव मनाते आ रहे है , रुद्रअभिषेक के माध्यम से शिव पंचायत की पूजा अर्चना कर शिव परिवार मे शिवजी जिनका वाहन नंदी है गले मे सर्प है ।पुत्र गणेश जिनका वाहन मूषक है।दूसरे पुत्र कार्तिकेय जिनका वाहन मोर है नंदी,मूषक सर्प मोर एक साथ नहीं रह सकते फिर भी शिव दरबार मे हम इनके एक साथ दर्शन करते है इतनी विषमता के बाद भी परिवार एक साथ रहने का संदेश देता है पर आज के समय मे थोड़े से मन मुटाव, स्वार्थ,अहंकार ,ग़लत सलाह के कारण हम अपने परिवार से दूरी बना लेते है।।। आइए आज महा शिवरात्रि को महा संकल्प ले की कुछ भी हो मे मेरे परिवार से दूरी नहीं बनाऊंगा जिस प्रकार शिव परिवार एक साथ रहने का संदेश देता है ।तुझ में नारायण मुझ मे नारायण संदेश को स्वीकार कर अपने रिश्तों को परिवार को सवारे साथ ही शिव परिवार को भी एवम शिवरात्रि त्योहार परिवार के साथ मनाए सामान्यतः हर त्योहार कोई ना कोई संदेश देता है जिससे समाज में वासुदेव कुटुंबकम् की भावना जाग्रत हो 14जन मकर सक्रांतिको हम पि...