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गणतंत्र दिवस पर राष्ट्र निर्माण हेतु अवश्य करे

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 राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस पर कृष्णा गुरुजी का निवेदन देश के नागरिक एवम विदेश के सभी भारतीयों से। 26 जनवरी गणतंत्र दिवस की 73 वर्षगांठ पर आज देश विदेश के नागरिकों से अपील की हे डोनेशन का मतलब Do FOR NATION  .जिस प्रकार हमारे घर में किसी बड़े छोटे का जन्म दिन हम सेलीब्रेट करते हे।उसी प्रकार हमारा देश के संविधान को 73 वर्ष हो गए।जिसका पालन हर नागरिक करता है क्यू ना कुछ डोनेशन नेशन के नाम कर इस मुहिम को शुरू करे।देश प्रमुख की संकल्प वाणी सबका साथ सबका विकास सबका प्रयास को बल दे .अपने देश के साथ साथ अप्रवासी भारतीयों को भी यह संदेश दिया।कृष्णा गुरुजी ने कहा की विप्पति आपदा आने पर हम राहत कोष में सहयोग राशि डालते ही हे इसको देश का जन्म दिन मनाते ही हे क्यू ना जिस प्रकार हमारे घर में किसी का जन्म दिन होता हे तो हम खर्च करते हे।क्यू ना ऐसा नियम बनाए मेरे पूरा विश्वास हे आने वाले समय में यह विचार एक मुहिम बन जन सहयोग की मिसाल भारत निर्माण में एक अहम भूमिका निभाएगी. https://en.wikipedia.org/wiki/Krishna_Mishra https://youtu.be/GIAIuINzWkoराष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस पर कृष्णा गुरुजी का नि

पिता पुत्र दिवस(मकर सक्रांति)

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"मकर सक्रांति*   क्या करे क्या न करे मकर सक्रांति पिता  पुत्र दिवस" मकर सक्रांति एक खगोलीय घटना हे जिसका ज्योतिष आध्यात्म एवम गृहस्थ जीवन में बड़ा महत्व हे । 1)ज्योतिषी महत्व (Astrological view) मकर जो  ग्रह शनि देव की राशी हे।सक्रांति अर्थात हर माह।सूर्य देव जो ज्योतिष शास्त्र अनुसार ग्रहों के राजा हे हर माह 12,राशियों में  से एक में पूरे माह भ्रमण करते हे जब मकर राशि में एक माह के लिए आते हे तब मकर सक्रांति का त्योहार मनाते हे। सूर्य ग्रह मकर सक्रांति से ही उत्तरनारायण होते है।चुकी हर ढाई वर्ष में राशि बदलने वाले शनि ग्रह गत वर्ष पूरा माह अपने पिता सूर्य देव के साथ थे यह अंतिम वर्ष होगा अब 30वर्ष बाद ही मकर राशि में पिता पुत्र एक साथ मकर राशि में होगे।14 जनवरी 2050 में मकर राशि में  पिता पुत्र मिलन होगा 2) आध्यात्मिक विचार(Spriruail View) आध्यात्मिक विचारों से आज ही के दिन गंगा नदी का उदगम हुआ था।तथा  भीष्म पिता माह ने महाभारत युद्ध के बाद बाणों की शैय्या पर मृत्यु के लिए मकर सक्रांति का दिन ही चुना था सूर्य के उत्तरनारायण  होने पर सभी दैविक शक्तियां जागृत ह