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Unlocking Inner Peace : Spiritual Healing 101 with KrishnaGuruji

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Transform Your Home with Divine Vastu Healing by Krishnaguruji #Spritiual

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This Diwali energize your home & self with simple step-by-step cleaning tips by Krishna Guruji

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Footware 👠👟👢👡👜& medicine cleaning  💊💊💉-  Per our age-old traditions, all of us are busy cleaning our homes now to celebrate this Diwali be we rich or poor. Guruji's recommendations are:   1: Dispose of unused footwear. If you have many to match your dress colors - clean\dust them. Dispose of the ones you will not be using( that are broken or you think you may use but have not used in a long time.)   2: Discard all expired medicines.  Non working electronics⌚⏰☎🔋📼📻📺📹📷📱📲📞📠, old clothes👕👖👗👚, extra deity\idols cleanin g  -  3:Ensure all your electronic devices, including wrist watch, home clocks are working - if not donate\recycle the ones that are of no use or have them repaired\batteries replaced.  4: Donate your old clothes - Do not trade them for utensils, there are many needy who will benefit from this.  5: Do not overstock on deity idols at worship\pooja room. You can dissolve\immerse the extra idols in river\well\running water.  Photos and food cleanin

भगवान से दर्द सहने की शक्ति मांगो मुक्ति नहीं

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भगवान से दर्द सहने की शक्ति मांगो मुक्ति नहीं डिवाइन एस्ट्रो हीलिंग स्पर्श चिकित्सा के शिविर का आयोजन शनिवार 7 अक्टूबर को सीनियर सिटीजन केयर महालक्ष्मी नगर में शहर के अंतर्राष्ट्रीय मानव सेवा योग गुरु कृष्णा मिश्रा जी के सानिध्य में आयोजित हुआ सभी वरिष्ठ जनो को स्वयं शक्ति से रोगों का निवारण कैसे करे बताते हुए कृष्णा गुरुजी ने कहा शरीर आपका अस्थाई है विकार भी अस्थाई है पर हम हमारी सोच से उसे स्थाई कर लेते हे। कोई भी व्यक्ति ,वस्तु, परिस्थिति आपसे बड़ी नही हो सकती सिर्फ आपके मातापिता को छोड़ कर हम अपने शरीर के दर्द विकार को अपने रिश्तों में मजबूती बना दूर कर सकते है। शारीरिक दर्द रिश्तों का दर्द अभाव का दर्द समय समय पर बदलता रहता है भगवान से दर्द सहने की शक्ति मांगो मुक्ति नहीं।भगवान भी इस धरती पर आए तो पीड़ा परेशानी झेलना पड़ी आप में आपका भगवान हे जो आपकी श्वास चला रहा है बस अपने विवेक के साथ रहे। अंत में सभी उपस्थित लोगो को पितृ प्राणायाम तर्पण ध्यान कराया गया कार्यक्रम में पायनियर संस्था के प्रमोद जैन,राजन जी वरिष्ठ नागरिक संस्था के लोग। डिवाइन एस्ट्रो हीलिंग परिवार अनि

पितृ दोष या पितृ कृपा

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पितृ दोष या पितृ कृपा। श्राद्ध पक्ष का पखवाड़ा चल रहा हे। दक्षिण में इन्हे महालय,तमिलनाडु में अमावसाई ,केरल में कारीकड़ा वायुवली ,महाराष्ट्र में पितृ पंथरबड़ा कहा जाता है 1पितृ पक्ष क्या है। शास्त्रों के हिसाब से तीन ऋण एक इंसान पर होते हे। 1 देव ऋण। 2 ऋषि ऋण 3 पितृ ऋण आज की भाषा में जिनके माध्यम से यह पंच तत्व का शरीर मिला है उनको कृतज्ञता देना पितृ पक्ष है।जिस दिनाक को मृत्यु हुई उसी दिन हिंदी तारीख से गणना कर तिथि ज्ञात कर श्राद्ध पक्ष में वही तिथि को उनकी याद में उनकी पसंद का भोजन किसी ब्राह्मण जो भिक्षा ले कर जीवन गुजारता है। उसे आमंत्रित कर पितृ रूप में भोजन करवा मान सम्मान के साथ विदा किया जाता है।ऐसी कल्पना की जाती है की वह हमारे पितृ के रूप में भोजन करने आए थे।दिवंगत की पसंद का भोजन बनाया जाता है । 2 ब्राह्मण को ही भोजन क्यू। क्यू की ब्राह्मण ही भिक्षा भोजन का अधिकारी था।अतीत को देखे तो गुरुकुल हुआ करते थे जिसमे भिक्षा मांग खाना खाते थे एवम उसके बदले ब्राह्मण शिक्षा देते थे,पुरानी मान्यता के साथ अगर किसी भूखे को भोजन कराया जाए तो ज्यादा सार्थक होगा।क्यू की आज के युग म

अपने अंदर भी गुरु को खोजे

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  अपने अंदर भी गुरु को खोजे आज के समय में गुरु शब्द शिष्य शब्द अधिकांश जगह सिर्फ एक पंच तत्व शरीर।गुरु के द्वारा पूर्ण स्वार्थ सिद्धि तक रह गया है  आर्थिक सफलता, पारिवारिक सफलता,आध्यात्मिक सफलता  से  गुरु शब्द को ना जोड़े, जो भी आपको मिलना हे वोह तय हे ।बस पीड़ा में दर्द में जिस प्रकार आपके माता पिता सहयोग देते हे जब तक आपका विवेक जाग्रत नही हो जाता। विवेक जाग्रत होने के बाद आध्यात्मिक गुरु अपने ज्ञान से आपके जीवन को दिशा देता हे।वह दिशा सही भी हो सकती हे गलत भी भागवत गीता में कहा गया है कलयुग में दैविक संपदा असुर संपदा एक साथ होगी चुनना आपको हे आपको किस राह पर जाना हे। जेब काटने वाला भी अपने गुरु को प्रणाम करता हे जिस से जेब काटना सीखता हे गुरु को एक शरीर में सीमित करना गुरु पूर्णिमा की पूर्णतः कृतज्ञता नही हे गुरु ना एक पंच तत्व में निवास करता है ना ही किसी आश्रम में।गुरु निवास करता है उसके द्वारा कहे गए शब्दो में, ,अनुभव रूपी ज्ञान में ।जिसको जीवन में अमल ला कर उसकी तृप्ति की कृतज्ञता देना सच्ची गुरु पूर्णिमा हे गुरु को ज्ञान के रूप में लेने वाला वर्ग ही गुरु तत्व को समझ सकता हे मां

#marmapoints BY DIVINE ASTROHEALING #KRISHNAGURUJI

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#ashtavakragita BY #KRISHNAGURUJI

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Importance Of Navratri As Vaidik Energy & Yogik Energy's

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 It is sadly observed that due to the desire in living in materialistic world, in present days our younger generation losing interest in our spiritual festival. Without blaming them, one contributing reason might also be due to our inability to make them understand with correct logic about the deep embedded meaning of each spiritual festival. Let us delve into a debate on that. Hindu new year (Vikram Sanwat or the Calendar which follows the emperor Vikramaditya, and sadly in back burner due to adaptation of Gregorian calendar) starts with the festival Gudi padwa on Chaitra pratipada. This also marks the beginning of a spiritual worships for nine nights called Navaratri. The importance of Navaratri (Nava = Nine; Ratri = night, literally means nine successive nights) However, what is Navaratri? In Sanatan Dharmic or Hindu (our) festivals the word night comes only twice – One is in Shivaratri (Night of Lord Shiva, worshiping the male gender essence of nature) and another is Navaratri

काम क्रोध लोभ से मुक्ती दिलाती है नव रात्री"

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आज कल हमारे आध्यात्मिक त्योहारों के प्रति युवाओं की रुचि कम होती जा रही है क्यू की सही ढंग से तर्क सहित नही समझना भी एक कारण हो सकता है  आइए जानते है। हिंदू नव वर्ष की शुरुआत पर्व गुड़ी पड़वा से नव रात्रि की शुरुआत होती है। "नव रात्री क्या है" हमारे आध्यात्मिक त्योहारों में रात्रि सिर्फ जगह आती है महाशिवरात्रि( पुरुष तत्व) एवम नव रात्रि (महिला तत्व) शिव शक्ति के बगैर ब्रह्मांड की कल्पना नहीं की जा सकती उसी प्रकार से पुरुष महिला के बगैर परिवार की कल्पना नहीं की जा सकती "नवरात्रि चार बार क्यू आता है". नव रात्री उन प्रथम नव रातो को कहा जाता जो दो मौसम के मिलने के बीच की होती है। चार मौसम होते है उसी प्रकार चार बार नव रात्रि पर्व आता है। प्रथम तीन दिन शरीर के तमस तत्व याने क्रोध अहंकार से मुक्ति दिलवाते है। अगले तीन दिन रजस के आपने जो राजसी भोग जीवन जिया हे उसकी अधिकता को दूर कर आरोग्यता की ओर ले जाते हे। अंतिम  तीन दिन  माता से को भी मिला है उसकी कृतज्ञता देने के लिए आते हे जिसमे शरीर पूर्ण रूप से सत्व में होता हे अगर साधना जप तप  योग के साथ की गई हो चार नव

MUDRA PRANAYAM BY DIVINE ASTROHEALING #KRISHNAGURUJI

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भिक्षुक से ज्यादा कष्ट प्रद भिक्षुक की वृत्ति

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      भिक्षुक से ज्यादा कष्ट प्रद   भिक्षुक की वृत्ति हम भिक्षुक शब्द सिर्फ जो रास्ते में पैसे मांगता है उस तक सीमित रखते है जहा तक मेरा व्यक्तिगत अनुभव है की अधिकांश भिक्षुक जो लंबे समय से पैसा मांग रहे है उनकी पैसे मांगने की आदत उनके जीवन का अंग बन गई है आइए भिक्षुक शब्द को समझते है।भिक्षा मांग कर जीवन यापन करने वाला भिक्षुक भिखारी शब्द भी भिक्षुक का उदगम है पुरातन गुरु परंपरा में लोग सदा तत्पर रहते थे भिक्षा देने में कोई भिक्षुक घर के द्वार खाली जाए तो अपशगुन मानते थे  एवम भिक्षा मांगने वाला भी जो उसको भिक्षा में मिलता था उसे स्वीकार कर आशीर्वाद दे कर जाता था वर्तमान में यह युग कलयुग है जिसमे दैविक संपदा असुरीय संपदा दोनो इंसान में ही मौजूद है।।एक युग सतयुग था जिसमे दानव देवताओं के अलग अलग लोक हुआ करते थे।त्रेता युग में दो देश हुए।द्वापर में एक ही परिवार में,कलयुग में दोनो असुर देवता इंसान में ही मौजूद है आज के परिवेश में भिक्षुको की बात करे तो मेरे हिसाब से कई प्रकार के भिक्षुक हर इंसान में मोजूद है आइए जानते है 1) अर्थ पैसों का भिक्षुक भिखारी जगह जगह रास्ते में आपको भिक्षुक मिलते

unknown fear BY DIVINE ASTROHEALING #KRISHNAGURUJI

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गणतंत्र दिवस पर राष्ट्र निर्माण हेतु अवश्य करे

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 राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस पर कृष्णा गुरुजी का निवेदन देश के नागरिक एवम विदेश के सभी भारतीयों से। 26 जनवरी गणतंत्र दिवस की 73 वर्षगांठ पर आज देश विदेश के नागरिकों से अपील की हे डोनेशन का मतलब Do FOR NATION  .जिस प्रकार हमारे घर में किसी बड़े छोटे का जन्म दिन हम सेलीब्रेट करते हे।उसी प्रकार हमारा देश के संविधान को 73 वर्ष हो गए।जिसका पालन हर नागरिक करता है क्यू ना कुछ डोनेशन नेशन के नाम कर इस मुहिम को शुरू करे।देश प्रमुख की संकल्प वाणी सबका साथ सबका विकास सबका प्रयास को बल दे .अपने देश के साथ साथ अप्रवासी भारतीयों को भी यह संदेश दिया।कृष्णा गुरुजी ने कहा की विप्पति आपदा आने पर हम राहत कोष में सहयोग राशि डालते ही हे इसको देश का जन्म दिन मनाते ही हे क्यू ना जिस प्रकार हमारे घर में किसी का जन्म दिन होता हे तो हम खर्च करते हे।क्यू ना ऐसा नियम बनाए मेरे पूरा विश्वास हे आने वाले समय में यह विचार एक मुहिम बन जन सहयोग की मिसाल भारत निर्माण में एक अहम भूमिका निभाएगी. https://en.wikipedia.org/wiki/Krishna_Mishra https://youtu.be/GIAIuINzWkoराष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस पर कृष्णा गुरुजी का नि

पिता पुत्र दिवस(मकर सक्रांति)

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"मकर सक्रांति*   क्या करे क्या न करे मकर सक्रांति पिता  पुत्र दिवस" मकर सक्रांति एक खगोलीय घटना हे जिसका ज्योतिष आध्यात्म एवम गृहस्थ जीवन में बड़ा महत्व हे । 1)ज्योतिषी महत्व (Astrological view) मकर जो  ग्रह शनि देव की राशी हे।सक्रांति अर्थात हर माह।सूर्य देव जो ज्योतिष शास्त्र अनुसार ग्रहों के राजा हे हर माह 12,राशियों में  से एक में पूरे माह भ्रमण करते हे जब मकर राशि में एक माह के लिए आते हे तब मकर सक्रांति का त्योहार मनाते हे। सूर्य ग्रह मकर सक्रांति से ही उत्तरनारायण होते है।चुकी हर ढाई वर्ष में राशि बदलने वाले शनि ग्रह गत वर्ष पूरा माह अपने पिता सूर्य देव के साथ थे यह अंतिम वर्ष होगा अब 30वर्ष बाद ही मकर राशि में पिता पुत्र एक साथ मकर राशि में होगे।14 जनवरी 2050 में मकर राशि में  पिता पुत्र मिलन होगा 2) आध्यात्मिक विचार(Spriruail View) आध्यात्मिक विचारों से आज ही के दिन गंगा नदी का उदगम हुआ था।तथा  भीष्म पिता माह ने महाभारत युद्ध के बाद बाणों की शैय्या पर मृत्यु के लिए मकर सक्रांति का दिन ही चुना था सूर्य के उत्तरनारायण  होने पर सभी दैविक शक्तियां जागृत ह