पिता पुत्र दिवस(मकर सक्रांति)

"मकर सक्रांति*   क्या करे क्या न करे
मकर सक्रांति पिता पुत्र दिवस"
मकर सक्रांति एक खगोलीय घटना हे जिसका ज्योतिष आध्यात्म एवम गृहस्थ जीवन में बड़ा महत्व हे

1)ज्योतिषी महत्व
(Astrological view)
मकर जो  ग्रह शनि देव की राशी हे।सक्रांति अर्थात हर माह।सूर्य देव जो ज्योतिष शास्त्र अनुसार ग्रहों के राजा हे हर माह 12,राशियों में  से एक में पूरे माह भ्रमण करते हे
जब मकर राशि में एक माह के लिए आते हे तब मकर सक्रांति का त्योहार मनाते हे।
सूर्य ग्रह मकर सक्रांति से ही उत्तरनारायण होते है।चुकी हर ढाई वर्ष में राशि बदलने वाले शनि ग्रह गत वर्ष पूरा माह अपने पिता सूर्य देव के साथ थे यह अंतिम वर्ष होगा अब 30वर्ष बाद ही मकर राशि में पिता पुत्र एक साथ मकर राशि में होगे।14 जनवरी 2050 में मकर राशि में  पिता पुत्र मिलन होगा
2)
आध्यात्मिक विचार(Spriruail View)
आध्यात्मिक विचारों से आज ही के दिन गंगा नदी का उदगम हुआ था।तथा  भीष्म पिता माह ने महाभारत युद्ध के बाद बाणों की शैय्या पर मृत्यु के लिए मकर सक्रांति का दिन ही चुना था सूर्य के उत्तरनारायण  होने पर सभी दैविक शक्तियां जागृत होती हे।
3)खगोलीय विचार(एस्ट्रोनॉमी)
मकर सक्रांति से दिन बड़े होने लगते हे जो तिल तिल बड़े होते हे
एस्ट्रोनॉमी में सूर्य ग्रह को प्रधान माना जाता हे कई खगोलीय।एवम ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा



को गणना में मकर सक्रांति का बड़ा महत्व हे।।।।
1)मकर सक्रांति और आप

आज के परिवेश में मकर सक्रांति
आध्यात्मिक से आधुनिक दुनिया की दौड़ में कही ना कही आने वाली पीढ़ी अपने संस्कार त्योहार से समझोता करती जा रही रही है।कारण शिक्षा संस्कार के साथ की कमी।

1पिता पुत्र दिवस(मकर संक्रांति)
जिसे विगत 5वर्षो से समाज को संदेश देते आ रहे हे सूर्य देव की सवारी
हमने प्रयास किया हे की आने वाले कल में अपने त्योहारों को एक नया परिवेश दे अपनी आध्यात्मिक मूल्यों के साथ
आज के परिवेश में मकर सक्रांति
आध्यात्मिक से आधुनिक दुनिया की दौड़ में कही ना कही आने वाली पीढ़ी अपने संस्कार त्योहार से समझोता करती जा रही रही है।कारण शिक्षा संस्कार के साथ की कमी।
आप शनि का तिल सूर्य देव का गुड़ मिला कर मीठा मीठा बोलने का आवाहन करते हे।दान स्नान करते हे।।
आज इसके साथ जरूरत है रिश्तों में मिठास की।
शनि ग्रह या सूर्य देव आपसी ग्रह दुश्मनी के बावजूद एक दूसरे के ग्रह कक्ष में जाना बंद नही करते
हमे यह संदेश देते हे की पिता पुत्र में स्वभाव व्यवहार में कितनी भी विषमता हो संबंधों में मिठास बनाए रखे ।पिता पुत्र मत भेद को मन भेद में ना बदलने दे।अपने समय का दान रिश्तों को सुधारने में भी दे
मकर सक्रांति याने पिता पुत्र दिवस
उपाय
तिल गुड़ की गजक बना अपने बड़े छोटो को खिला इस पर्व को मनाए
अगर आपके पिता या पुत्र के संबंधों में कही अनबन हे तो अपने स्वभाव अहंकार को भूल अपने पिता या पुत्र से वार्तालाप पुन शुरू करे।
। एवम अपने छोटे बच्चो को पर्व का महत्व समझा पिता पुत्र दिवस का संदेश भी दे
आइये ग्रहों के इन प्रभाव कम करने के लिए सभी राशियों के लिये कुछ गृहस्थ उपाय करें।

1  अपने पुत्र के कमरे में जा पुत्र के साथ जा चाय पिये
कोई भी कारण बनाए पुत्र के कमरे में पुत्र/पुत्री के साथ बैठ बात करने का एवम ग्रहों के इस परिवर्तन को जीवंत करे
अगर आपके पुत्र या पुत्री बाहर है या आपसे कोई कारण से दूरी बनाये है ।आप आगे चल उनसे बात करे सब कुछ भुल।यहॉ पुत्र पुत्री भी करे ग्रह आपके जीवन मे रिश्तों के रूप में है।सूर्य पिता चंद्र माँ मंगल भाई बहन ।बुध मामा गुरु पति शुक्र पत्नी शनि आपके अधीनस्थ
2 अपने अधीनस्थ कर्मचारी या नोकर या जो आपके घर बाई काम करती हो उसके घर अचानक जा उसे कोई गिफ्ट दे या मिठाई दे।एवं अचानक मिलने वाली खुश दे जो आपके जाने पर मिलेगी।आपके अधीनस्थ आपके जीवन मे शनि देव है
3 डिवाइन एस्ट्रो हीलिंग के येह उपाय आपको ग्रहों की मारक क्षमता कम करने एवम आपकी सहनशक्ति को बढ़ाने में  अलौकिक मदद करेंगे  ।
कृष्णा मिश्रा गुरुजी
संथापक डिवाइन एस्ट्रो हीलिंग

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