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भगवान से दर्द सहने की शक्ति मांगो मुक्ति नहीं

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भगवान से दर्द सहने की शक्ति मांगो मुक्ति नहीं डिवाइन एस्ट्रो हीलिंग स्पर्श चिकित्सा के शिविर का आयोजन शनिवार 7 अक्टूबर को सीनियर सिटीजन केयर महालक्ष्मी नगर में शहर के अंतर्राष्ट्रीय मानव सेवा योग गुरु कृष्णा मिश्रा जी के सानिध्य में आयोजित हुआ सभी वरिष्ठ जनो को स्वयं शक्ति से रोगों का निवारण कैसे करे बताते हुए कृष्णा गुरुजी ने कहा शरीर आपका अस्थाई है विकार भी अस्थाई है पर हम हमारी सोच से उसे स्थाई कर लेते हे। कोई भी व्यक्ति ,वस्तु, परिस्थिति आपसे बड़ी नही हो सकती सिर्फ आपके मातापिता को छोड़ कर हम अपने शरीर के दर्द विकार को अपने रिश्तों में मजबूती बना दूर कर सकते है। शारीरिक दर्द रिश्तों का दर्द अभाव का दर्द समय समय पर बदलता रहता है भगवान से दर्द सहने की शक्ति मांगो मुक्ति नहीं।भगवान भी इस धरती पर आए तो पीड़ा परेशानी झेलना पड़ी आप में आपका भगवान हे जो आपकी श्वास चला रहा है बस अपने विवेक के साथ रहे। अंत में सभी उपस्थित लोगो को पितृ प्राणायाम तर्पण ध्यान कराया गया कार्यक्रम में पायनियर संस्था के प्रमोद जैन,राजन जी वरिष्ठ नागरिक संस्था के लोग। डिवाइन एस्ट्रो हीलिंग परिवार अनि

पितृ दोष या पितृ कृपा

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पितृ दोष या पितृ कृपा। श्राद्ध पक्ष का पखवाड़ा चल रहा हे। दक्षिण में इन्हे महालय,तमिलनाडु में अमावसाई ,केरल में कारीकड़ा वायुवली ,महाराष्ट्र में पितृ पंथरबड़ा कहा जाता है 1पितृ पक्ष क्या है। शास्त्रों के हिसाब से तीन ऋण एक इंसान पर होते हे। 1 देव ऋण। 2 ऋषि ऋण 3 पितृ ऋण आज की भाषा में जिनके माध्यम से यह पंच तत्व का शरीर मिला है उनको कृतज्ञता देना पितृ पक्ष है।जिस दिनाक को मृत्यु हुई उसी दिन हिंदी तारीख से गणना कर तिथि ज्ञात कर श्राद्ध पक्ष में वही तिथि को उनकी याद में उनकी पसंद का भोजन किसी ब्राह्मण जो भिक्षा ले कर जीवन गुजारता है। उसे आमंत्रित कर पितृ रूप में भोजन करवा मान सम्मान के साथ विदा किया जाता है।ऐसी कल्पना की जाती है की वह हमारे पितृ के रूप में भोजन करने आए थे।दिवंगत की पसंद का भोजन बनाया जाता है । 2 ब्राह्मण को ही भोजन क्यू। क्यू की ब्राह्मण ही भिक्षा भोजन का अधिकारी था।अतीत को देखे तो गुरुकुल हुआ करते थे जिसमे भिक्षा मांग खाना खाते थे एवम उसके बदले ब्राह्मण शिक्षा देते थे,पुरानी मान्यता के साथ अगर किसी भूखे को भोजन कराया जाए तो ज्यादा सार्थक होगा।क्यू की आज के युग म