संदेश

फ़रवरी, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

भिक्षुक से ज्यादा कष्ट प्रद भिक्षुक की वृत्ति

चित्र
      भिक्षुक से ज्यादा कष्ट प्रद   भिक्षुक की वृत्ति हम भिक्षुक शब्द सिर्फ जो रास्ते में पैसे मांगता है उस तक सीमित रखते है जहा तक मेरा व्यक्तिगत अनुभव है की अधिकांश भिक्षुक जो लंबे समय से पैसा मांग रहे है उनकी पैसे मांगने की आदत उनके जीवन का अंग बन गई है आइए भिक्षुक शब्द को समझते है।भिक्षा मांग कर जीवन यापन करने वाला भिक्षुक भिखारी शब्द भी भिक्षुक का उदगम है पुरातन गुरु परंपरा में लोग सदा तत्पर रहते थे भिक्षा देने में कोई भिक्षुक घर के द्वार खाली जाए तो अपशगुन मानते थे  एवम भिक्षा मांगने वाला भी जो उसको भिक्षा में मिलता था उसे स्वीकार कर आशीर्वाद दे कर जाता था वर्तमान में यह युग कलयुग है जिसमे दैविक संपदा असुरीय संपदा दोनो इंसान में ही मौजूद है।।एक युग सतयुग था जिसमे दानव देवताओं के अलग अलग लोक हुआ करते थे।त्रेता युग में दो देश हुए।द्वापर में एक ही परिवार में,कलयुग में दोनो असुर देवता इंसान में ही मौजूद है आज के परिवेश में भिक्षुको की बात करे तो मेरे हिसाब से कई प्रकार के भिक्षुक हर इंसान में मोजूद है आइए जानते है 1) अर्थ पैसों का भिक्षुक भिखारी जगह जगह रास्ते में आपको भिक्षुक मिलते

unknown fear BY DIVINE ASTROHEALING #KRISHNAGURUJI

चित्र