महाशिवरात्रि संदेश संयुक्त परिवार दिवस

 महाशिवरात्रि: संयुक्त परिवार दिवस का संदेश


त्योहारों का मानवीकरण और संयुक्त परिवार की महत्ता


आधुनिक युग में त्यौहार केवल धार्मिक अनुष्ठान तक सीमित नहीं रहे, बल्कि वे समाज को संदेश देने और परिवार को एकजुट करने का माध्यम भी बन रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय आध्यात्मिक गुरु कृष्णा मिश्रा (कृष्णा गुरुजी) वर्षों से त्योहारों को विशेष दिवस के रूप में मनाने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने महाशिवरात्रि को संयुक्त परिवार दिवस के रूप में मनाने की परंपरा शुरू की, जिससे समाज में संयुक्त परिवार की महत्ता को पुनः स्थापित किया जा सके।


महाशिवरात्रि: आध्यात्मिकता और पारिवारिक एकता का संगम


महाशिवरात्रि केवल एक आध्यात्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह जीवन में संतुलन बनाए रखने और परिवार को एकजुट रखने का भी संदेश देती है। भगवान शिव का संपूर्ण परिवार—शिव, पार्वती, गणेश, कार्तिकेय, नंदी, और अन्य जीव—हमारे लिए यह प्रेरणा देता है कि भिन्न स्वभाव और दृष्टिकोण होने के बावजूद भी परिवार एक साथ रह सकता है।


शिव परिवार: विविधता में एकता का प्रतीक


भगवान शिव का परिवार विभिन्न जीवों और प्रतीकों से सुसज्जित है, जो हमें पारिवारिक मूल्यों को समझने का अवसर देता है:


शिव जी का नंदी – धैर्य और सेवा का प्रतीक।


गणेश जी का मूषक – बुद्धिमत्ता और त्वरित निर्णय क्षमता का प्रतीक।


कार्तिकेय का मोर – वीरता और शक्ति का प्रतीक।


पार्वती माता का सिंह – साहस और धैर्य का प्रतीक।


शिव जी का सर्प – सजगता और सुरक्षा का प्रतीक।



इन सभी में स्वभाव और प्रवृत्तियाँ अलग-अलग होते हुए भी, वे एक ही परिवार का हिस्सा हैं। यही संदेश आज के समाज में परिवारों को जोड़ने के लिए महत्वपूर्ण है।


संयुक्त परिवार में रहने के लाभ


1. संस्कार और परंपराओं की निरंतरता – परिवार में बड़े-बुजुर्गों से सीखकर जीवन मूल्यों को अपनाने का अवसर मिलता है।



2. समस्या समाधान की शक्ति – जब पूरा परिवार साथ होता है, तो कोई भी संकट मिलकर हल किया जा सकता है।



3. सहयोग और भावनात्मक समर्थन – कठिन समय में परिवार के सदस्य एक-दूसरे का सहारा बनते हैं।



4. संवेदनशीलता और सामंजस्य – अलग-अलग स्वभाव के व्यक्तियों के साथ रहने से समायोजन की भावना विकसित होती है।




महाशिवरात्रि पर परिवार को जोड़ने का संकल्प लें


आज के युग में परिवार टूट रहे हैं, लोग एकल परिवारों की ओर बढ़ रहे हैं, जिससे रिश्तों में दूरियां बढ़ रही हैं। महाशिवरात्रि पर हमें संकल्प लेना चाहिए कि परिवार में कोई भी असहमति हो, तो उसे मतभेद तक ही सीमित रखें, मनभेद न होने दें।


संयुक्त परिवार शिव परिवार की तरह न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक और भावनात्मक रूप से भी हमें सशक्त बनाता है। इस महाशिवरात्रि पर अपने परिवार को जोड़ें, एकजुट करें, और शिव जी के आदर्शों को अपनाएं।


संयुक्त परिवार दिवस पर महाशिवरात्रि की शुभकामनाएँ!


गत वर्षों में सम्मानित संयुक्त परिवार


2025: सम्मानित परिवार - उज्जैन शर्मा बंधु


2024: उज्जैन नाहर वाला परिवार (56 सदस्य)


2023: सुनील शर्मा परिवार, बजरंग नगर (35 सदस्य)


2022: सुमित मिश्रा, पालदा (23 सदस्य)


2021: मधुरम स्वीट शर्मा परिवार (23 सदस्य)


2020: जी सच्चीनानन्द ग्रुप (74 सदस्य)


2019: ऑनलाइन सम्मान (कोविड के कारण)


डूंगरवाल परिवार (68 सदस्य)


गोविंद मिश्रा परिवार (18 सदस्य)


अतुल भटरा, न्यूयार्क (9 लोग)





टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

मत दान से होता है आपके ग्रहों का उपाय

Voting affects your planets.

Dhan Teras Medicine Day dedicated to doctors Medicine Merchants, Hospitals