ज्ञान दिवस के रूप में मना जन्माष्टमी पर्व
अधिकांश अवतारों के जन्म दिन में हम उनकी लीला का वर्णन करते हे खुशियां मनाते हे उस अवतार ने इस धरती पर आ कर दिया क्या संदेश दिया।उसको हम सामान्य जीवन में कैसे लागू करे ।एक ऐसा ज्ञान जो आपकी पीड़ा शारीरिक मानसिक रिश्तों की कम करे।
श्री कृष्णा जन्माष्टमी को ज्ञान दिवस के रूप में मेरे साधकों के साथ मनाया गया।
ज्ञान सर्व प्रथम एक मां का दर्द ।देवकी जिसने भय में जीवन जिया एवम हर बच्चा जन्म लेते ही मारा गया भाई के द्वारा ।कृष्णा का जन्म होते ही उन्हे यशोदा के पास भेजा गया।आज मेरा प्रश्न उन माताओं से हे जो अपने बच्चो को ले कर तनाव में रहते हे मां की पीड़ा क्या होती देवकी मां का जीवन देखे आपकी पीड़ा स्वत काम लगने लगेगी।।
एक पिता का दर्द क्या होता हे वासुदेव से ज्यादा कोई समझ सकता हे जिसके सामने बच्चो को मार दिया गया एवम कृष्णा को नंद गांव छोड़ आए।एक पिता का दुख क्या होता हे।वासुदेव के जीवन को देखे तो
कोई बड़ा दर्द तकलीफ देखे आपको अपना दर्द पीड़ा कम लगती है।
भाई कंस जिसने अपने बहन के बच्चो को मारा
जो लोग अपने भाईयो से किसी पीड़ा में हे क्या देवकी मां जितनी तकलीफ भाई से कोई कल्पना कर सकता हे।यह मामा पर भी लागू होती हे।जिनके भांजे कृष्ण ने 14 वर्ष की आयु में अपने मामा का वध किया यह संदेश दिया की रिश्ता कोई भी हो।।
जन्माष्टमी में आठ रिश्ते का दर्द कम होता हे अगर आप अपना दर्द उस रूप में देखे मां,पिता,भाई,बहन,पत्नी।पति,मामा ,भांजा आखिर बेटा,
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