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महाशिवरात्रि संदेश संयुक्त परिवार दिवस

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 महाशिवरात्रि: संयुक्त परिवार दिवस का संदेश त्योहारों का मानवीकरण और संयुक्त परिवार की महत्ता आधुनिक युग में त्यौहार केवल धार्मिक अनुष्ठान तक सीमित नहीं रहे, बल्कि वे समाज को संदेश देने और परिवार को एकजुट करने का माध्यम भी बन रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय आध्यात्मिक गुरु कृष्णा मिश्रा (कृष्णा गुरुजी) वर्षों से त्योहारों को विशेष दिवस के रूप में मनाने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने महाशिवरात्रि को संयुक्त परिवार दिवस के रूप में मनाने की परंपरा शुरू की, जिससे समाज में संयुक्त परिवार की महत्ता को पुनः स्थापित किया जा सके। महाशिवरात्रि: आध्यात्मिकता और पारिवारिक एकता का संगम महाशिवरात्रि केवल एक आध्यात्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह जीवन में संतुलन बनाए रखने और परिवार को एकजुट रखने का भी संदेश देती है। भगवान शिव का संपूर्ण परिवार—शिव, पार्वती, गणेश, कार्तिकेय, नंदी, और अन्य जीव—हमारे लिए यह प्रेरणा देता है कि भिन्न स्वभाव और दृष्टिकोण होने के बावजूद भी परिवार एक साथ रह सकता है। शिव परिवार: विविधता में एकता का प्रतीक भगवान शिव का परिवार विभिन्न जीवों और प्रतीकों से सुसज्जित है, जो हमें पारिवारिक मू...

अपने संस्कारों को बच्चों के हाथों आधुनिकता और फूहड़ता की बलि न चढ़ने दें

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  अ भी भी समय है – बच्चों को अपना बाप न बनने दें इस दिखावे की दुनिया में आजकल कई लोग उच्च स्तर की निम्नस्तरीय सोच को अपना आदर्श बना रहे हैं। सोशल मीडिया और पॉडकास्ट जैसे माध्यमों पर जो कुछ चल रहा है, उसकी कल्पना माता-पिता ने कभी नहीं की होगी। लेकिन रणवीर अलाहाबादिया के हालिया पॉडकास्ट ने इस भ्रम को तोड़ दिया। अनजाने में ही सही, उन्होंने आज के माता-पिता को एक आईना दिखा दिया कि उनके बच्चों की सोच आखिर कहां तक पहुंच चुकी है, और इसका जिम्मेदार कौन है? हम अपनी गलती स्वीकार करते हैं। हमने अपने बच्चों को मॉडर्न बनाने के चक्कर में उन्हें संस्कारों से दूर कर दिया। हमने अपने मोह, प्यार और दुलार में आंखें बंद कर लीं और उन्हें भौतिक सुख-सुविधाओं की ऐसी दुनिया दे दी, जहां नैतिकता और संस्कृति कहीं पीछे छूट गई। आधुनिकता की दौड़ में हमने अपनी संस्कृति, शर्म और मर्यादा को बहुत पीछे छोड़ दिया। अब सवाल उठता है उन युवाओं का, जो खुद को "यूथ आइकन" समझते हैं। उन्हें शायद इस बात का अंदाजा भी नहीं कि उनकी आने वाली पीढ़ी कितनी खतरनाक होगी। आज हमें सिर्फ चिंता करने की नहीं, बल्कि चिंतन करने की जरूरत...