कोरोना काल मे गणपति जी का संदेश

कोरोना काल मे गणेश जी का संदेश
।में गणपति इस बार दस दिवसीय कार्यक्रम में नही आ रहा हु
इस बार मे आप के ऊपर अपनी जिम्मदारी छोड़ता हु।
प्रथम दिन एक सुपारी में मेरी कल्पना कर मुझे  विराजित करे या 
मूर्ति रूप में मेरी श्रद्धा भाव से पूजा आरती कर  पूरा दिन अपनी मातापिता के साथ गुजारे
क्यों कि मेरी आरती माता जा की पार्वती पिता महा देवा। मेने माता पिता को ब्रह्मांड माना आप तो उनकी सेवा कोई भी मन मुटाव लापरवाही को भुल  मेरे दस दिवसीय कार्यक्रम में करना
दूसरा  दिन अंधन को आँख दे याने  मरणोपरांत नेत्र दान का फॉर्म भर किसी के जीवन के गणेश बनना।।
तीसरा दिन लोगो की नेत्रदान के लिये प्रेरित करना मेरी बोहत बड़ी पूजा है
4 कोडन को काया में जीतने भी कुष्ट आश्रम है वहा आवश्यक सामान पोहचना दुसरो कोप्रेरित करना।
5 दिन बाँझन को पुत्र दे येह सेवा महिला वर्ग करेगी आज विज्ञान ने बोहत उन्नति की है जिसको ज्ञान नही उस महिला को सही मार्गदर्शन करना
6 निर्धन को माया गरीब को अगर आपने शिक्षा दी तो ता उम्र अपनी रोजी रोटी कमा लेगा निशुल्क शिक्षा ।।
7 बचे दिन वृक्षारोपण करना वाटर हार्वेस्टिंग कर आने वाले भारत वासियों के लिए गणेश बन उनका जल संकट का विध्न दूर करना।
8 वे दीन  कोविद19 को ले कर  कैसे सुरक्षित रहे वैसे तो में आपका ध्यान रखूंगा आप को भी अपना रखना है।।
9 दिन 10 दिन सरकारी कार्यलय में रुके लंबित कार्य दूर कर विध्न हर्ता बने।
आपका स्वागत है इस विध्नहर्ता मुहिम में
"बने किसी औऱ के जीवन के गणपति"

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