महा मारी में मेरा भगवान

 महामारी में मेरा भगवान


https://youtu.be/gb9JxDkBd6E

सब लोग अपने अपने धर्म के मुताबिक अपने अपने आराध्य को मंत्र प्रार्थना नमाज अरदास के माध्यम से उसका ध्यान करते हे ।तीर्थ स्थान मंदिर देवालय जाते हे ।विषम समय में ज्यादा ध्यान करते हे क्यों की आखिरी सहारा भगवान अपनी आस्था भक्ति रूपी देव दर्शन पर टिक जाता है

अगर हम यह मानते हे की एक पत्ता भी भगवान की मर्जी से नही हिलता तो महामारी भी उसकी मर्जी से आई होगी ।एवम जीवन रक्षा  भी एक युद्ध सा हो गया महामारी में पैसा भी काम नहीं आ रहा काम आ रही ऑक्सीजन वेंटिलेटर।

महामारी के भगवान में दो व्यक्तियों को मानता हु पहला जिसने ऑक्सीजन मास्क एवम ऑक्सीजन पैदा करने का यंत्र बनाया।दूसरा जिसने वेंटिलेटर का आविष्कार किया।आज इंसान ऑक्सीजन वेंटिलेटर रेमडीसियर इंजेक्शन जिस प्रकार ढूंढ रहा हे अगर उसका 1% भी प्रकृति को दिया होता तो आज यह स्थिति नही होती।

आज से में प्रण लेता हु अगर में महामारी से बच गया तो आनेवाली पीढ़ी के लिए पूंजी छोड़ने की बजाय प्रकृति की पूंजी वृक्षारोपण जल बचाव प्रदूषण पर कार्य करुगा

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