दिवंगत श्रद्धा की मार्मिक चिट्ठी
"दिवंगत श्रद्धा की माता पिता एवम देश के राष्ट्रपति प्रधान मंत्री को मार्मिक चिट्ठी"
प्यारी मम्मी और पापा
आप लोगो ने मुझे खुद तकलीफ झेल खुशी नाजों से पाला एवम हर इच्छा पूर्ण कर अच्छी शिक्षा दे बड़ा करा
मेरी सबसे बड़ी भूल रही की जैसे ही में बड़ी हुई अपने लिए सपने देखने लगी।अपने मेरे जन्म होने के बाद मेरे बिना कोई सपना नही देखा ।पर में नादान आपके बगैर सपने देखने में व्यस्त हो गई। आपके समझाने के बाद भी में नहीं मानी ।आप मेरी इच्छा के विरुद्ध बात करते थे पर में भूल गई थी आप ही मेरे सबसे पहले शुभ चिंतक थे।पर में नादानी में आपको अपना दुश्मन मान घर छोड़ आफताब के साथ चली गई।सबने मुझे मना किया था दोस्तो ने भी पर मेने किसी की नही सुनी।
धीरे धीरे प्यार का रंग उतरने लगा और मुझे वही रंग दिखने लगा जो आपने समझाया था ।भले मेरे 35 टुकड़े कर उसने मेरा चेहरा जला मार डाला में भी अपने आप को आफताब जितना दोषी मानती हु की क्यू में समझाने के बाद किसी की भी नही मानी
माता पिता जो बच्चो के सबसे बड़े शुभ चिंतक क्या भगवान होते हे।
आप भगवान तुल्य लोगो का कहना ना मान मेने तकलीफ पाई। इसका दोष मेंअपने आप को दूंगी की मेने काल्पनिक दुनिया में विश्वास करा जो सामने मेरे थे उन पर विश्वास ना किया।और जो गैर था काल्पनिक दुनिया से मिला था उस पर विश्वास किया
एक श्रद्धा होने के नाते मुझे जो सजा मिली वोह मुझे मंजूर है ।भले ही आफताब छूट कर वापस किसी औरलड़की के साथ भी ऐसा ही करे यह मुमकिन है क्यू की देश का कानून ही लचीला हे ।
में एक बेटी होने के नाते आपसे माफी मांगती हु क्यू की मुझे मालूम हे जो दर्द आपने मेरे बारे में न्यूज में देखा सुना पड़ा होगा उस दर्द का अहसास आपको क्या हुआ होगा
मेरा सभी बहनों से निवेदन हे की
हमे कोई हक नही जो अपने माता पिता को ऐसी पीड़ा दे।
सभी से निवेदन हे की अपने माता पिता परिवार की आज्ञा के बिना कोई कदम ना उठाए
प्यार अंधा होता हे माना पर का। अंध विश्वास वालेप्यार की आंखे खुलती है तो कुछ बचा नही होता
मुझे दुख 35 टुकड़े किए इसका इतना नही हुआ जितना मेरे कत्ल की खबर को मीडिया ने 35 से अधिक टुकड़े कर टीआरपी बड़ाने के लिए दिखाया ।और मेरे मां बाप का दर्द और बढ़ाया।कोई नई खबर मिलने पर मीडिया वाला पास भी नहीं जाएगा मेरे माता पिता का दर्द पूछने।हाथ जोड़ विनीत करती हु मीडिया वालो से बंद करो मेरे शरीर के टुकड़ों पर अपनी टीआरपी की रोटी सेकना
राष्ट्र पति प्रधान मंत्री से गुजारिश हे आफताब खुद कबूल कर रहा हे कैसे मारा सब बता रहा हे फिर उसको सजा देने में इतने साल क्यू
क्यू क्यू
सभी यूवाओं से निवेदन हे
फेस बुक इंस्टाग्राम पर मिलने वाले काल्पनिक प्यार को हकीकत मान अपने परिवार वालो की बात का तिरस्कार ना करे अंजाम आपके सामने है
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