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महा मारी में मेरा भगवान

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  महामारी में मेरा भगवान https://youtu.be/gb9JxDkBd6E सब लोग अपने अपने धर्म के मुताबिक अपने अपने आराध्य को मंत्र प्रार्थना नमाज अरदास के माध्यम से उसका ध्यान करते हे ।तीर्थ स्थान मंदिर देवालय जाते हे ।विषम समय में ज्यादा ध्यान करते हे क्यों की आखिरी सहारा भगवान अपनी आस्था भक्ति रूपी देव दर्शन पर टिक जाता है अगर हम यह मानते हे की एक पत्ता भी भगवान की मर्जी से नही हिलता तो महामारी भी उसकी मर्जी से आई होगी ।एवम जीवन रक्षा  भी एक युद्ध सा हो गया महामारी में पैसा भी काम नहीं आ रहा काम आ रही ऑक्सीजन वेंटिलेटर। महामारी के भगवान में दो व्यक्तियों को मानता हु पहला जिसने ऑक्सीजन मास्क एवम ऑक्सीजन पैदा करने का यंत्र बनाया।दूसरा जिसने वेंटिलेटर का आविष्कार किया।आज इंसान ऑक्सीजन वेंटिलेटर रेमडीसियर इंजेक्शन जिस प्रकार ढूंढ रहा हे अगर उसका 1% भी प्रकृति को दिया होता तो आज यह स्थिति नही होती। आज से में प्रण लेता हु अगर में महामारी से बच गया तो आनेवाली पीढ़ी के लिए पूंजी छोड़ने की बजाय प्रकृति की पूंजी वृक्षारोपण जल बचाव प्रदूषण पर कार्य करुगा और आप

रामनवमी पर खुद में भी राम ढूंढे #ramnavmi2023#ramnavami

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  राम नवमी का त्योहार बनेगा ",पुरुषार्थ दिवस। "मुझ में राम"    "आज के युग में राम ढूंढे आज राम नवमी की बधाई के साथ राम भगवान एक पंच तत्व का शरीर ले कर धरती पर आए थे ।जिन्होने अपने रिश्तो के साथ न्याय किया वक्त आने पर।एक पुत्र के रूप में पिता की आज्ञा ।एक भाई के रूप में भाईयो को स्नेह एक पति के रूप पत्नी की रक्षा एवम एक राजा के रूप में प्रजा का कहा माना। आप में राम हे पर स्वार्थ में कही न कही पूर्णता नही आती।हम आप सब अधिकांश स्वार्थ अपने रिश्तों तक सीमित सोचअपने सेवा के दिखावे में जिंदगी निकाल रहे है आज जिस व्यक्ति ने कृतिम ऑक्सीजन की मशीन को इंवेंट किया वेंटिलेटर इंवेंट किया आज के युग के राम वो भी है जिनके कारण न जाने कितनी की जान बच रही हे अब वक्त आ गया है हम राम को उसके संदेश के साथ आज के कई लोग जो राम समान कार्य कर रहे है उनको भी कृतज्ञता का प्रणाम करे ।मेरे हिसाब से शहर का हर व्यक्ति आज राम बना हुआ है।राम के समय भी दैविक असुर थे।आज भी हे ।आप में कौन हे इसका चिंतन कर करे महामारी में किसी का दोषारोपण करने की बजाय आप क्या कर सकते हे छोटे से छोटे स्तर पर भी चिंतन कर

महाशिवरात्रि देती है - संयुक्त परिवार का संदेश

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  महाशिवरात्रि संदेश देती है"संयुक्त परिवार दिवस का(18/02/2023) हम वर्षो से महा शिव रात्रि का आध्यात्मिक उत्सव मनाते आ रहे है , रुद्रअभिषेक के माध्यम से शिव पंचायत की पूजा अर्चना कर शिव परिवार मे शिवजी जिनका वाहन नंदी है गले मे सर्प है ।पुत्र गणेश जिनका वाहन मूषक है।दूसरे पुत्र कार्तिकेय जिनका वाहन मोर है नंदी,मूषक सर्प मोर एक साथ नहीं रह सकते  फिर भी शिव दरबार मे हम इनके एक साथ दर्शन करते है इतनी विषमता के बाद भी परिवार एक साथ रहने का संदेश देता है पर आज के समय मे  थोड़े से मन मुटाव, स्वार्थ,अहंकार ,ग़लत सलाह के कारण हम अपने परिवार से दूरी बना लेते है।।। आइए आज महा शिवरात्रि को महा संकल्प ले की कुछ भी हो मे मेरे परिवार से दूरी नहीं बनाऊंगा जिस प्रकार शिव परिवार एक साथ रहने का संदेश देता है ।तुझ में नारायण मुझ मे नारायण संदेश को स्वीकार कर अपने रिश्तों को परिवार को सवारे साथ ही शिव परिवार को भी एवम शिवरात्रि त्योहार परिवार के साथ मनाए सामान्यतः हर त्योहार कोई ना कोई संदेश देता है जिससे समाज में वासुदेव कुटुंबकम् की भावना जाग्रत हो 14जन  मकर सक्रांतिको हम पिता पुत्र दिवस।

#Uranusremedy -kumbhhak

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  यूरेनस ग्रह ज्योतिष शास्त्र मे काफी समय बाद आया ।इसका प्रभाव हर जातक पर पड़ता है। माना एक राशी मे 84वर्ष बाद आता हो यूरेनस अगर 7th हाउस में हो तो विवाह संभ धी अड़चने तलाक आदि का सामना जातक जो करना  पड़ता है। 1 वर्ष मे ढाई डिग्री चलने वाला यूरेनस अहम प्रभाव जातक पर डालता है कुंभक प्रयोग अगर 7 थ हाउस में यूरेनस हो तो उस घर में साथ बैठा ग्रह एवम सप्तमेश के जाप साथ ही ।गोचर में विराजित यूरेनस का स्थान का मालिक के जाप या सम्बंधित दान करने से वैवाहिक जीवन की अड़चने दूर होती है। आज मा कर देखे मैने आजमाया है। #astrology #uranus#planetremedy#krishnaguruji www.krishnaguruji.com

पितृ प्राणायाम#pitradosh #श्राद्धपक्ष

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  पितृ प्राणायाम -पितृ दोष का सटीक उपाय कोई कार्य रुक रहा हो ,बार बार काम आखिरी मे आ कर रुक जाता हो,मांगलिक कार्यों मे व्यवधान आता है  ज्योतिष शास्त्र अनुसार जातक पितृ दोष से पीड़ित बताया जाता है पितृ दोष क्या है जातक की पत्रिका में अगर 9th घर में अगर सूर्य ग्रह हो।एवम उसके साथ राहु,केतु,शनि भी साथ ही पितृदोष बनता है।अगर 9वे घर के घर के अलावा भी किसी और घर में भी सूर्य ग्रह के साथ उपरोक्त ग्रहों को युति हो तो भी ग्रहण या अर्ध पितृ दोष मना जाता है चंद्र कुंडली लग्न कुंडली दोनों से देखा जाता है पितृ दोष को देख  जानकर उसके   उपाय के माध्यम से  उसको दूर करवाते है।। मेरे व्यक्तिगत मत के अनुसार पितृ दोष का नाम ही उपयुक्त नहीं है पितृ याने हमारे पूर्वज लाख कितनी विषमता सह कर गए हो ।हमे दुख नहीं दे सकते पितृ दोष के उपाय मे आज आपको एक उपाय बताता हूं।जो आपके पंचतत्व शरीर को श्वास से जोड़ पितरों की कृतज्ञता से लक्षित करेगा। पितृ प्राणायाम क्या है एक शरीर श्वास की लय बद्ध विधि बाई नासिका को चंद्र नाडी के नाम से जाना जाता है जो शीतल होती है एवम चंद्र मा तत्व का कारक है दाहिनी नासिका मे

HEAL YOUR PLANET BY DIVINE ASTROHEALING #KRISHNAGURUJI #PRANAYAM #MEDITA...

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