संदेश

Importance Of Navratri As Vaidik Energy & Yogik Energy's

चित्र
 It is sadly observed that due to the desire in living in materialistic world, in present days our younger generation losing interest in our spiritual festival. Without blaming them, one contributing reason might also be due to our inability to make them understand with correct logic about the deep embedded meaning of each spiritual festival. Let us delve into a debate on that. Hindu new year (Vikram Sanwat or the Calendar which follows the emperor Vikramaditya, and sadly in back burner due to adaptation of Gregorian calendar) starts with the festival Gudi padwa on Chaitra pratipada. This also marks the beginning of a spiritual worships for nine nights called Navaratri. The importance of Navaratri (Nava = Nine; Ratri = night, literally means nine successive nights) However, what is Navaratri? In Sanatan Dharmic or Hindu (our) festivals the word night comes only twice – One is in Shivaratri (Night of Lord Shiva, worshiping the male gender essence of nature) and another is Navaratri

काम क्रोध लोभ से मुक्ती दिलाती है नव रात्री"

चित्र
आज कल हमारे आध्यात्मिक त्योहारों के प्रति युवाओं की रुचि कम होती जा रही है क्यू की सही ढंग से तर्क सहित नही समझना भी एक कारण हो सकता है  आइए जानते है। हिंदू नव वर्ष की शुरुआत पर्व गुड़ी पड़वा से नव रात्रि की शुरुआत होती है। "नव रात्री क्या है" हमारे आध्यात्मिक त्योहारों में रात्रि सिर्फ जगह आती है महाशिवरात्रि( पुरुष तत्व) एवम नव रात्रि (महिला तत्व) शिव शक्ति के बगैर ब्रह्मांड की कल्पना नहीं की जा सकती उसी प्रकार से पुरुष महिला के बगैर परिवार की कल्पना नहीं की जा सकती "नवरात्रि चार बार क्यू आता है". नव रात्री उन प्रथम नव रातो को कहा जाता जो दो मौसम के मिलने के बीच की होती है। चार मौसम होते है उसी प्रकार चार बार नव रात्रि पर्व आता है। प्रथम तीन दिन शरीर के तमस तत्व याने क्रोध अहंकार से मुक्ति दिलवाते है। अगले तीन दिन रजस के आपने जो राजसी भोग जीवन जिया हे उसकी अधिकता को दूर कर आरोग्यता की ओर ले जाते हे। अंतिम  तीन दिन  माता से को भी मिला है उसकी कृतज्ञता देने के लिए आते हे जिसमे शरीर पूर्ण रूप से सत्व में होता हे अगर साधना जप तप  योग के साथ की गई हो चार नव

MUDRA PRANAYAM BY DIVINE ASTROHEALING #KRISHNAGURUJI

चित्र

भिक्षुक से ज्यादा कष्ट प्रद भिक्षुक की वृत्ति

चित्र
      भिक्षुक से ज्यादा कष्ट प्रद   भिक्षुक की वृत्ति हम भिक्षुक शब्द सिर्फ जो रास्ते में पैसे मांगता है उस तक सीमित रखते है जहा तक मेरा व्यक्तिगत अनुभव है की अधिकांश भिक्षुक जो लंबे समय से पैसा मांग रहे है उनकी पैसे मांगने की आदत उनके जीवन का अंग बन गई है आइए भिक्षुक शब्द को समझते है।भिक्षा मांग कर जीवन यापन करने वाला भिक्षुक भिखारी शब्द भी भिक्षुक का उदगम है पुरातन गुरु परंपरा में लोग सदा तत्पर रहते थे भिक्षा देने में कोई भिक्षुक घर के द्वार खाली जाए तो अपशगुन मानते थे  एवम भिक्षा मांगने वाला भी जो उसको भिक्षा में मिलता था उसे स्वीकार कर आशीर्वाद दे कर जाता था वर्तमान में यह युग कलयुग है जिसमे दैविक संपदा असुरीय संपदा दोनो इंसान में ही मौजूद है।।एक युग सतयुग था जिसमे दानव देवताओं के अलग अलग लोक हुआ करते थे।त्रेता युग में दो देश हुए।द्वापर में एक ही परिवार में,कलयुग में दोनो असुर देवता इंसान में ही मौजूद है आज के परिवेश में भिक्षुको की बात करे तो मेरे हिसाब से कई प्रकार के भिक्षुक हर इंसान में मोजूद है आइए जानते है 1) अर्थ पैसों का भिक्षुक भिखारी जगह जगह रास्ते में आपको भिक्षुक मिलते

unknown fear BY DIVINE ASTROHEALING #KRISHNAGURUJI

चित्र

गणतंत्र दिवस पर राष्ट्र निर्माण हेतु अवश्य करे

चित्र
 राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस पर कृष्णा गुरुजी का निवेदन देश के नागरिक एवम विदेश के सभी भारतीयों से। 26 जनवरी गणतंत्र दिवस की 73 वर्षगांठ पर आज देश विदेश के नागरिकों से अपील की हे डोनेशन का मतलब Do FOR NATION  .जिस प्रकार हमारे घर में किसी बड़े छोटे का जन्म दिन हम सेलीब्रेट करते हे।उसी प्रकार हमारा देश के संविधान को 73 वर्ष हो गए।जिसका पालन हर नागरिक करता है क्यू ना कुछ डोनेशन नेशन के नाम कर इस मुहिम को शुरू करे।देश प्रमुख की संकल्प वाणी सबका साथ सबका विकास सबका प्रयास को बल दे .अपने देश के साथ साथ अप्रवासी भारतीयों को भी यह संदेश दिया।कृष्णा गुरुजी ने कहा की विप्पति आपदा आने पर हम राहत कोष में सहयोग राशि डालते ही हे इसको देश का जन्म दिन मनाते ही हे क्यू ना जिस प्रकार हमारे घर में किसी का जन्म दिन होता हे तो हम खर्च करते हे।क्यू ना ऐसा नियम बनाए मेरे पूरा विश्वास हे आने वाले समय में यह विचार एक मुहिम बन जन सहयोग की मिसाल भारत निर्माण में एक अहम भूमिका निभाएगी. https://en.wikipedia.org/wiki/Krishna_Mishra https://youtu.be/GIAIuINzWkoराष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस पर कृष्णा गुरुजी का नि

पिता पुत्र दिवस(मकर सक्रांति)

चित्र
"मकर सक्रांति*   क्या करे क्या न करे मकर सक्रांति पिता  पुत्र दिवस" मकर सक्रांति एक खगोलीय घटना हे जिसका ज्योतिष आध्यात्म एवम गृहस्थ जीवन में बड़ा महत्व हे । 1)ज्योतिषी महत्व (Astrological view) मकर जो  ग्रह शनि देव की राशी हे।सक्रांति अर्थात हर माह।सूर्य देव जो ज्योतिष शास्त्र अनुसार ग्रहों के राजा हे हर माह 12,राशियों में  से एक में पूरे माह भ्रमण करते हे जब मकर राशि में एक माह के लिए आते हे तब मकर सक्रांति का त्योहार मनाते हे। सूर्य ग्रह मकर सक्रांति से ही उत्तरनारायण होते है।चुकी हर ढाई वर्ष में राशि बदलने वाले शनि ग्रह गत वर्ष पूरा माह अपने पिता सूर्य देव के साथ थे यह अंतिम वर्ष होगा अब 30वर्ष बाद ही मकर राशि में पिता पुत्र एक साथ मकर राशि में होगे।14 जनवरी 2050 में मकर राशि में  पिता पुत्र मिलन होगा 2) आध्यात्मिक विचार(Spriruail View) आध्यात्मिक विचारों से आज ही के दिन गंगा नदी का उदगम हुआ था।तथा  भीष्म पिता माह ने महाभारत युद्ध के बाद बाणों की शैय्या पर मृत्यु के लिए मकर सक्रांति का दिन ही चुना था सूर्य के उत्तरनारायण  होने पर सभी दैविक शक्तियां जागृत ह